PM Narendra Modi Inaugurate Historic Kosi Rail Mahasetu and 12 rail initiatives in Bihar : कृषि बिल को लेकर विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम मोदी, कहा- आज वो लोग झूठ बोल रहे हैं जो शतकों तक देश पर राज करने वाले थे
डिजिटल डेस्क, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आज बिहार को कई प्रोजेक्ट दिए हैं। ‘कोसी रेल महासेतु’ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पित किया है PM ने और उसके साथ १२ रेल न्यू यौजना की शुरवात यात्री सुविधाओं के लिए की है। ये कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल है। PM मोदी ने लालू यादव पर अपना रोख दहाड़ते हुए ये कहा, तत्कालीन रेल मंत्री को बिहार की चिंता नहीं थी। इसके अलावा, पीएम ने कृषि विधेयक का विरोध करने वाले विपक्ष पर भी हमला किया और किसानों को सतर्क रहने के लिए कहा।
रेल संपर्क के क्षेत्र में नया इतिहास
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, आज, बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक नया इतिहास बनाया गया है। रेल यातायात को बढ़ावा देने, रेलवे के विद्युतीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और बिहार में नई नौकरियों के सृजन के लिए कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ आज एक दर्जन परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
कृषि बिलों ने किसानों को कई प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है: मोदी
माननीय मोदी ने कहा की कल विश्वकर्मा जयंती के दिन ऐतिहासिक कृषि सुधार बिल को लोकसभा में मुक्त किया गया है क्यों की इस लोगो ने हमारे कई किसानो को जो हमारे अन्नदाता है उनको कर्ज मिक्ति दिलाई है। ये सुधार किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अधिक विकल्प और अधिक अवसर प्रदान करेंगे। मैं इन बिलों के लिए देश के किसानों को बधाई देता हूं। किसान और ग्राहक के बीच बिचौलियों से बचाने के लिए ये बिल बहुत महत्वपूर्ण थे, जो किसानों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खुद लेते हैं। किसानो की सुरक्षा करने के लिए ये बील एक कवच के जैसा मिला है पर किसानो को गुमराह करने का प्रयत्न किया हा रहा है|
किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है – मोदी
आज वो लोग झूठ बोल रहे हैं जो शतकों तक देश पर राज करने वाले थे वही लोग किसानो को गुमराह कर रहे है ऐसा मोदी विपक्ष पर रोख लगते हुए PM मोदी ने कहा| और उन्होंने ऐसा भी कहा की जभी चुनाव थे तभी यही किसानो को वो अच्छी अच्छी बाते करते अपने जाल मै फसा कर उनसे अपना वोट लेते थे और फिर उनको भूल जाते है| और आज BJP सरकार बड़ा काम कर रही है तो वो उन्हें फसा रहा है ऐसे अफवा फैला रहा है। अब यह प्रचारित किया जा रहा है कि सरकार द्वारा किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार किसानों से धान-गेहूं आदि नहीं खरीदेगी। यह सरासर झूठ है। MSP के माध्यम से हमारी सरकार किसानों को सही कीमत देने के लिए पहिले से ही समर्थ है और आगे भी रहेंगे। सरकारी खरीदारी पहले की तरह जारी रहेगी।
पीएम ने कहा, एनडीए ने पिछले 6 सालों में किसानों के लिए जितना किया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। किसानों की समस्याओं को देखते हुए, हर कठिनाई को दूर करने के लिए हमारी सरकार पहिले से ही बहुत पर्यंत कर रही है। मरा यही स्पस्ट कहना है की किसान किसी भी जूठी भ्रम मे न फसे। अपने देश के किसानो को इन लोगो की जुट से पहिले ही सावधान रहिना होगा|
पीएम मोदी ने कहा: –
बिहार में गंगा, कोसी और सोन नदियों के विस्तार के कारण राज्य के कई हिस्से एक-दूसरे से कट गए हैं।बड़ी बड़ी नदियों के कारण ये बिहार के रहिवासी लम्बी यात्रा नहीं कर सकते और उनका यही बड़ा प्रॉब्लम है और हम वो रेसोल्वे करने का पर्यंत कर रहे है|
आज सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को कोसी महासेतु के माध्यम से सुपौल-आसनपुर कूप के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से बहुत लाभ होगा। यही नहीं, यह नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेलमार्ग भी उपलब्ध कराएगा। बिहार के लोग इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि वर्तमान में निर्मली से सारनगढ़ तक का सफर लगभग 300 किलोमीटर का है। अब वह दिन दूर नहीं जब बिहार के लोगों को 300 किलोमीटर की यह यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। 300 किमी की यह यात्रा घटकर मात्र 22 किमी रह जाएगी।
चार साल पहले, उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु शुरू किए गए थे, एक पटना और दूसरा मुंगेर में। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच इन दो रेल पुलों के चालू होने से लोगों को और सुविधा हो गई है। लगभग साढ़े आठ दशक पहले भूकंप की गंभीर आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग कर दिया था। अभी ये एक इतफाक है की कोविद-१९ के कारन इन दोनों देशो को एक साथ दोनों क्षेत्रों में जोड़ रहा है|
आज, भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज रेल नेटवर्क को मानव रहित फाटकों द्वारा पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बना दिया गया है। वंदे भारत जैसी भारत निर्मित ट्रेनें रेल नेटवर्क का एक भाग है|
पिछले 6 वर्षों से, भारतीय रेलवे एक नए भारत की आकांक्षाओं और एक आत्मनिर्भर भारत की उम्मीदों के अनुकूल होने की कोशिश कर रहा है। आज भारतीय रेल पहले से कहीं अधिक स्वच्छ है। बिहार और पूर्वी भारत को रेलवे के आधुनिकीकरण का लाभ मिल रहा है। मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री और मढ़ौरा में डीजल लोको फैक्ट्री को मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। इन परियोजनाओं ने बिहार में लगभग 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है।
बिहार में जिस तरह के हालात हैं, लोगों की आवाजाही का एक बड़ा साधन रेलवे रहा है। ऐसे में बिहार में रेलवे की हालत सुधारना केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक रहा है। 2014 के पहले 5 वर्षों में, बिहार में केवल 125 करोड़ नई रेल लाइनें शुरू की गईं। जबकि 2014 के बाद के पांच वर्षों में, बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेलवे लाइनों को चालू किया गया है। यानी नई रेल लाइनों को दोगुना से अधिक शुरू किया गया है।
मैं विशेष रूप से कोरोना के समय रेलवे के काम करने के लिए लाखों भारतीय रेलवे कर्मचारियों की प्रशंसा करता हूं। देश के लाखों श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने दिन-रात एक कर दिया था।
दरअसल इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच, केंद्र लगातार हर क्षेत्र की परियोजनाओं को बिहार को सौंप रहा है। पीएम मोदी ने जिन सात परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था, उनमें से चार परियोजनाएं हैं- चार जलापूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से जुड़ी परियोजनाएं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 541 करोड़ रुपये है।
10 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को करोड़ों की योजनाओं की सौगात दी। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना- PMMSY का शुभारंभ किया। १७०० करोड़ रुपये के कार्यक्रम इस योजना के तहत आरंभ हुए है और ई-गोपाला ऐप भी किसानों के लिए लॉन्च किया गया।